कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के 21वें संस्करण के मौके पर शर्मिला ने कहा, "हमेशा बॉलीवुड साथ खड़ा रहा है और मुझे उम्मीद है कि इस मुद्दे पर भी वह एकजुट रहेगा।" शर्मिला ने कुछ समय पूर्व ही कहा था कि लेखकों और कलाकारों पर हमले प्रजातंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ हैं। शर्मिला ने दर्शकों को शिक्षित और अशिक्षित या भारतीय और गैर भारतीय के रूप में वर्गीकृत करने पर भी ऎतराज जताया।
शर्मिला ने कहा, "मुझे लगता है कि यह अपमानजनक है। मुझे नहीं लगता कि फिल्मों को सराहने के लिए शिक्षित होना जरूरी है। जिसे भी सिनेमा की समझ है वह यह कर सकता है। ऎसे भेद न करें।" यह पूछे जाने पर कि यह वह अभिनेत्री न होतीं तो कौन सा करियर विकल्प अपनातीं, शर्मिला ने कहा कि वह संभवत: चित्रकारी सीखने शांति निकेतन जातीं।