वर्मा ने बुधवार को ट्वीट किया कि इज्जत दिल से आती है, उसे थोपा नहीं जा सकता। राष्ट्रगान के लिए खड़े न होने पर लोगों को पीटना पूरी तरह से तालिबान जैसी हरकत है। 'सरकार', 'शूल', 'द अटैक ऑफ 26/11' जैसी फिल्में बनाने वाले वर्मा ने कहा कि थिएटर में राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़े न होने वाले लोगों को पीटना असहिष्णुता का चरम है।
गौरतलब है कि इससे पहले एआईएमआईएम विधायक इम्तियाज जलील ने कहा था कि सिनेमा घरों में राष्ट्रगान बजाने की जरूरत नहीं है क्योंकि लोग वहां मनोरंजन के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमाघर में महज राष्ट्रगान गाना किसी को देशभक्त नहीं बनाता।