जैसे फिल्मों के लिए 'सीबीएफसी' है, न्यूज़ चैनल्स के लिए, 'न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन' है, अखबारों के लिए 'प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया' है और एड फिल्मों के लिए 'एडवरटाईजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ़ इंडिया' है वैसे ही, नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार व अमेज़न प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म्स के लिए भी एक रेगुलेटली अथॉरिटी बनायी जाएगी और इसके लिए उन्होंने मीडिया और जर्नलिस्ट्स से सुझाव भी मांगे हैं.
प्रकाश जावडेकर जी का कहना था की आज कल सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हर तरह का कंटेंट अवेलेबल है, अच्छा, बुरा, आपत्तिजनक, फेक (नकली), सब कुछ, और यह बेलगाम है. इसीलिए फेक न्यूज़ और आपत्तिजनक कंटेंट पर रोक लगाने के लिए एक सख्त कदम उठाने की बेहद ज़रुरत है.
गौरतलब है की यह कदम उठाने के लिए कई प्रोडक्शन हाउसेस और बड़ी हस्तियाँ, सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पहले ही पत्र लिख कर अपील कर चुके हैं. बीते कुछ वर्षों में ऑनलाइन कंटेंट क्रिएशन और इसकी खपत में इन्टरनेट सस्ता होने के कारण कई गुना बढ़ोतरी हुई है और ऐसे में यह कदम उठाना भी ज़रूरी हो गया है, क्यूंकि फेक न्यूज़ का कारोबार ऑनलाइन न्यूज़ के ज़रिये धड़ल्ले से किया जा रहा है.