आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लता मंगेशकर का जन्म 1929 में मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी और मां शेवनती गुजराती थीं, घर में बचपन से संगीत का माहौल था। उनके पिता मराठी संगीतकार थे, हालांकि, साल 1942 में जब लता 13 साल की थीं, तभी पिता का साया हट गया। पिता की मृत्यु के बाद मास्टर विनायक ने लता के करियर को संभाला।
उनके जरिए ही लता को किति हासिल (1942) में पहला फ़िल्मी गाना गाने का मौका मिला। हालांकि, यह गाना फ़िल्म से हटा दिया गया। साल 1942 में एक और मराठी फ़िल्म 'पहिलि मंगाला गौर' में लता को अभिनय के साथ गाने का मौका मिला। वहीं, हिंदी गाने की बात करें, तो लता मंगेशकर ने एक साल बाद 1943 में फ़िल्म 'गजाभाऊ में 'माता एक सपूत की दुनिया बदल दे' गया था, जिसको लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया था।
अगर आपको पता हो कि साल 1945 में लता मंगेशकर ने मुंबई आई थी। उन्होंने यहां अपनी एक अलग पहचान बनाई, लगभग सभी मशहूर म्यूज़िक डायरेक्टर्स के साथ गाना गाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लता अभी तक एक हजार से अधिक फ़िल्मों के लिए गाने गा चुके हैं, वहीं करीब 36 भाषाओं में गाना गाया है।
लता मंगेशकर उन कलाकरों में से हैं, जो अक्सर विवादों से दूर रहती हैं। लेकिन कई दशक पहले उनके और रफी के बीच विवाद हुआ था। लता मंगेशकर ने प्रस्ताव रखा था कि म्यूज़िक कंपनियों को रेकॉर्ड बिक्री में से कुछ पैसा गायकों को देना चाहिए। रॉयल्टी के इस मुद्दे पर रफी उनसे अलग राय रखते थे। इसके विवाद की वजह से दोनों ने लंबे समय तक साथ गाना नहीं गाया, हालांकि, साल 1967 में दोनों के रिश्ते सामान्य हो गए।
लता मंगेशकर को लेकर एक बात काफी लोकप्रिय हैं कि वह मिर्ची खूब खाती हैं। एक समय था, जब वह एक दिन में करीब 12 मिर्ची खा जाती थीं। ऐसा वह अपनी आवाज़ में उतार-चढ़ाव को बरकारर रखने के लिए किया करती हैं।