दरअसल 8 महीने से बंद पड़े रहने के कारण सिंग्ले स्क्रीन सिनेमाघर और इनके कर्मचारियों के पास गुज़ारा करने के भी पैसे नहीं बचे हैं| 1 नवम्बर को अक्षय कुमार को एक चिट्ठी में ये रिक्वेस्ट की गयी थी की वे उनकी फिल्म लक्ष्मी को सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में रिलीज़ करके सिंगल स्क्रीन संचालकों और यहाँ काम करने वालों की मदद करें मगर अक्षय ने ऐसा किया नहीं| इसके बाद छोटे सिनेमाघरों के पास जीविकाएं बचाने के लिए और कोई रास्ता नहीं बचा और इसीलिए लक्ष्मी का पायरेटेड वर्ज़न छोटे शहरों में दिखाया जा रहा है |
ये बात बेहद चौंका देने वाली है क्यूंकि यही फिल्म इंडस्ट्री और सिनेमाघर कोरोना से पहले तक अवैध तरीके से कभी कोई फिल्म नहीं दिखाते थे और अब इन्हें ही ये अवैध काम करना पद रहा है तो ये अंदाज़ा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं की ग्राउंड लेवल पर हालात कितने खराब हैं| गौरतलब है की जहां मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने साफ़ कर दिया था की किसी भी ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज़ हुई या होने वाली किसी भी फिल्म को देश के किसी मल्टीप्लेक्स में नहीं दिखाया जाएगा मगर सिंगल स्क्रीन्स फिल्म दिखाने के लिए तैयार थे इसके बावजूद अक्षय के उनकी मदद ना करने से सिंगल स्क्रीन संचालक अक्षय से नाराज़ हैं|
अब देखना ये है की आखिर इस मामले में अक्षय कुमार, जो की खुद लक्ष्मी के निर्माता हैं और डिज़नी प्लस हॉटस्टार वे क्या एक्शन लेते हैं, कोई एक्शन लिया भी जाएगा या नहीं| क्यूंकि मरता क्या न करता वाली हालात से गुज़र रहे सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में अगर पेट पालने के लिए पायरेटेड फिल्म दिखा के अगर गलत किया, तो इंसानियत के नाते ही सही उनके खिलाफ कोई कदम उठाना भी गलत होगा| गौरतलब है की लक्ष्मी बम 9 नवम्बर को डिज़नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई थी, फिल्म को क्रिटिक्स और दर्शकों दोनों से अच्छे रिव्यु नहीं मिले|