इस कहानी का नायक संभव है, जो कि भारतीय मूल का व्यक्ति है और यूरोप में रहता है। इस बार क्रिसमस के अवसर पर वह अपने घर जाने के लिए रेल से सफर कर रहा है और खिड़की से बर्फ से ढके पहाड़ों को निहार रहा होता है कि तभी उसी डिब्बे में सवार एक अन्य यात्री थॉमस उसके साथ बातचीत शुरू कर देता है। थॉमस ने संभव से उसकी मंजिल के बारे में पूछताछ की तो संभव ने उसे बताया कि वह क्रोनबर्ग अपने घर जा रहा है| यह सुनते ही थॉमस उससे पूछता है कि क्या वह उस शहर के क्रिसमस मैन के बारे में जानता है जो कि हर किसी की इच्छा पूरी किया करता है।
अभी उन दोनों के बीच बातचीत चल ही रही थी कि रेल एक सुरंग में घुसी और तभी रेल में कुछ हल्की-फुल्की अफतरातफरी महसूस हुई। रेल की बत्तियां भी जलने-बुझने लगी थीं और सुरंग के उस पार जब ट्रेन पहुंची तो एक लंबा, ऊंचा आदमी संभव और थॉमस के बाजू में बैठा दिखायी दिया। उसने खुद का नाम शेंगन पोर्ट्स बताया और कहा कि उसे उन दोनों कि बातें रोचक लगी इसलिए वो भी उस चर्चा का हिस्सा बनना चाहता है| उसने कहा कि वह क्रिसमस मैन से मिल भी चुका है। इसके बाद पोर्ट्स ने संभव और थॉमस से पूछा कि अगर उन्हे क्रिसमस मैन मिले तो वे उससे कौन-सी फरमाइश करेंगे। थॉमस ने कहा कि वो ढेर सारी दौलत मांगेगा जबकि संभव ने कहा कि वह अपने उस दोस्त से मिलना चाहेगा जो तीन साल पहले लापता हो गया था।
क्या संभव और थॉमस की क्रिसमस मैन से सचमुच मुलाकात हो पायी और उन्होंने उसे अपनी ख्वाहिशों के बारे में बताया? क्या उनकी वे ख्वाहिशें पूरी हो सकीं? पोर्ट्स आखिर था कौन, जिसने क्रिसमस मैन से मुलाकात का जिक्र भी किया था? इन सभी सवालों के जवाब सुनने के लिए 25 दिसंबर को रात 9 बजे इश्क 104.8 एफएम सुनना न भूलें। सोशल मीडिया पर इस कहानी को सुनने के लिए आप कहानीकार सुधांशु राय के आधिकारिक चैनलों से भी जुड़ सकते हैं: यूट्यूब: www.youtube.com/raisudhanshu39 फेसबुक: www.facebook.com/sudhanshuraiofficial