हरियाणा में एक बड़ा संघर्ष तब हुआ जब एक आंदोलन को बेवजह भड़काया गया। यह डॉक्यूमेंट्री पीड़ित के निष्कपट विवरण, शांतिसंधि करवाने वालों की गहरी सूक्ष्मदृषटि साथ ही साथ दोनों पक्षों के दोषियों का परिपेक्ष्य और उसके परिणाम के बड़े पैमानें पर फैलाई गई गलत सूचना को सम्बोधित करती है।
पैनोरामा स्टूडियोज़ के निर्देशक और निर्माता अभिषेक पाठक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, "हमें बेहद ख़ुशी है कि हमने दर्शकों के समक्ष चीर हरण का ट्रेलर प्रस्तुत किया है। यह डॉक्यूमेंट्री मानवीय संघर्षों से सीखे गए पाठों को याद करने की दिशा में एक प्रयास है। मुझे उम्मीद है कि हम उन तथ्यों और करुणा पर प्रकाश डालने में सक्षम रहे हैं जो उस समय की आवश्यकता थी। ` देखिये ट्रेलर-
जयदीप अहलावत ने ट्रेलर लॉन्च करते हुए कहा कि, `भविष्य में होने वाली घटनाओं और हिंसा से बचने के लिए हमें एक बार फिर 2016 में हुए हरियाणा के दंगों को देखना चाहिए और उन घटनाओं से कुछ सबक सिखाना चाहिए। चीर हरण का ट्रेलर लॉन्च कर मै सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। यह एक सबक है कि सामंजस्य का अभाव किसी भी राज्य और राष्ट्र के लिए क्या कर सकता है। मैं निर्देशक, कुलदीप रुहिल और उनकी टीम को इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म की थियेट्रिकल रिलीज़ के लिए शुभकामनाएं देता हूं। यह सराहनीय है कि उन्होंने इस फिल्म के जरिए सच्ची घटना को सामने लाने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है कि हम सभी अपने मतभेदों से ऊपर उठकर शांति को प्राप्त करें।"
निर्देशक कुलदीप रुहिल ने भी पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, "वर्तमान समय में जाट आरक्षण आंदोलन के संघर्षों को देखना बहुत महत्वपूर्ण है। हम अतीत की जटिलताओं को दोहरा रहे हैं क्योंकि हम यह भूल गए हैं कि यह क्यों और कैसे हुआ। परिणाम स्वरूप यह डॉक्यूमेंट्री जाट आरक्षण आंदोलन और उन में हुए दंगों को फिर से दर्शाने की कोशिश करती है। हम आशा करते हैं कि हमारा प्रयास दर्शकों को सत्य की तलाश करने और उससे सीखने के लिए प्रेरित करने में योगदान करेगा। "
पैनोरामा स्पॉटलाइट द्वारा प्रस्तुत और ट्विस्टर एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित, फिल्म 29 जनवरी को उत्तर भारत के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। दर्शक इसके रिलीज़ होने का बड़ी उत्सुकता के साथ इंतजार कर रहे हैं|