निर्देशक: धीरज सरना और रंजन चांडेल
निर्माता: एकता कपूर
प्लेटफार्म: ओटीटी ज़ी5
रेटिंग:***
बीते दिन यानि 15 नवंबर को लोकप्रिय ओटीटी प्लेटफार्म ज़ी5 पर विक्रांत मैसी, रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना स्टारर बहुप्रतीक्षित फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया है| धीरज सरना के निर्देशन में तैयार और एकता कपूर द्वारा निर्मित इस कहानी का शानदार रिव्यू हम आपके लिए लेकर आ पहुंचे हैं| इसलिए हर शब्द को शुरू से लेकर अंत तक ध्यान से पढ़े, ताकि हमारा यह रिव्यू आपकी फिल्म दिखने या न देखने के फैसलें में मदद कर सके|
क्या है 'द साबरमती रिपोर्ट'
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब से 'द साबरमती रिपोर्ट' फिल्म की घोषणा हुई थी, यह मूवी तभी से सुर्ख़ियों में बनी हुई है| ओटीटी प्लेटफार्म के लोकप्रिय सुपरस्टार विक्रांत मैसी के साथ रिधि डोगरा और राशि खन्ना जैसे मशहूर कलाकार भी अहम भूमिका में नजर आए हैं| फिल्म की कहानी का जो विषय था उसको लेकर लोग काफी ज्यादा उत्सुक थे| जब इस मूवी का धमाकेदार ट्रेलर मेकर्स द्वारा रिलीज़ किया गया था, उसी समय से इसकी ओटीटी रिलीज़ को लेकर बहस हो रही थी| निर्माता और कलाकारों को ये चिंता थी कि क्या यह फिल्म लोगों के सवालों का जवाब दे पाएगी? तो आइये इस फिल्म की कहानी और प्रदर्शन के बारे में अच्छे से जान लेते हैं|
'द साबरमती रिपोर्ट' फिल्म की कहानी
'द साबरमती रिपोर्ट' फिल्म साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में लगी आग से जुड़ी असली घटना पर बनाई गई है| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 27 फरवरी साल 2002 सुबह के वक्त इस ट्रेन में आग लगने से 59 लोग मारे गए थे। यह ट्रेन अयोध्या की एक धार्मिक सभा से आ रही थी, जिसमें मुख्य रूप से हिंदू समाज के लोग आ रहे थे। विक्रांत मैसी अभिनीत कहानी में दिखाया गया है कि गोधरा रेलवे स्टेशन मुस्लिम लोगों की भीड़ साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 और एस-7 कोच में आग लगा देती है|
इस पत्थरबाजी और आगजनी में कई लोगों की जान भी चली जाती है| 'द साबरमती रिपोर्ट' में समर कुमार (विक्रांत मैसी) एक हिंदी पत्रकार अपने मीडिया हाउस की गंदी राजनीति में फंस जाता है और असली सचाई को लोगों तक पहुँचाने के लिए परेशान रहने लग जाता है| समाज के गंदे चेहरे को लोगों के सामने लाने के लिए समर कुमार अकेला निकल पड़ता है, एक समय ऐसा आता है कि वह खूब शराब भी पीने लग जाता है| यहाँ से कहानी से एक नया मोड़ लेती है और फिर उसको अमृता गिल (राशि खन्ना) एक युवा पत्रकार का सहयोग प्राप्त होता है| ये सभी मिलकर गोधरा अग्नि कांड को दबा रहे मीडिया हाउस को निशाना बनाने में लग जाते हैं|
कलाकारों की परफॉर्मेंस
अपने पिछले किरदारों में सहजता और शानदार एक्टिंग के लिए लोगों के बीच मशहूर हुए विक्रांत मैसी ने इस बार भी एक हिंदी पत्रकार की भूमिका में शानदार तरीके से निभाई है| एक बार फिर यह अभिनेता अपने अभिनय कौशल का लोहा मनवाता दिखाई दिया है| इससे पहले वह '12वीं फेल' और 'सेक्टर 36' जैसी फिल्मों से दर्शकों को आकर्षित कर चुके हैं|
अगर बात करें रिधि डोगरा की तो वह भी (मनिका) मीडिया हाउस की बॉस लेडी के रूप में बेबाक, उग्र और आत्मविश्वास से भरी हुई नज़र आई हैं| अभिनेत्री अपने हर एक डायलॉग से न्याय करती दिखाई दी हैं| अमृता के किरदार में राशि खन्ना भी अपने अभिनय कौशल में गहराई का प्रदर्शन करती नजर आई हैं| फिल्म का यह पक्ष निर्देशक ने काफी अच्छे तरीके से लोगों के सामने पेश किया है|
लेखन और निर्देशन कार्य
इस पक्ष को आप थोड़ा कमजोर समझ सकते हैं, क्योंकि फिल्म के नानावटी निष्कर्षों से पता चलता है कि वह शायद विपक्ष को सिर्फ गलत दिखाना चाहती है| यहाँ पर हम ये कह सकते हैं कि क्या 'द साबरमती रिपोर्ट' अपने आप में ईमानदार है या सिर्फ आक्रमकता का प्रदर्शन कर रही है| इस बात का फैंसला सिर्फ और सिर्फ फिल्म को देखने वाले लोग कर सकते हैं|
वैसे तो निर्देशन कार्य धीरज सरना और रंजन चांडेल ने काफी अच्छे से संभाला है, परन्तु कई मौकों पर कहानी थोड़ी बिखरी हुई नजर आती है|
निष्कर्ष
अंत में हम यही कह सकते हैं कि हमारा उदेश्य किसी धर्म या जाति को ठेस पहुंचाना नही है| अगर आप साल 2002 में हुए गोधरा कांड के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको बिना हिंदू या मुस्लिम धर्म को निशाना बनाए यह कहानी जरुर देखनी चाहिए| विक्रांत मैसी, राशि खन्ना, रिद्धि डोगरा, बरखा सिंह, नाज़नीन पाटनी, आर्यन अरडेंट और संदीप वेद जैसे लोकप्रिय कलाकारों का अभिनय कौशल आपको बहुत ज्यादा आकर्षित करने वाला है|