अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह कहते हैं, "इस मामले में, प्रमोटर्स को शिरामणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की समीक्षा कमेटी से क्लीन चिट अवश्य लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माता को पहले कमेटी से मंजूरी लेनी चाहिये। कमेटी को निेर्दश दिया गया है कि केन्द्रीय सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर फिल्म की कापी मंगवायी जाये और उसे देखकर ही कोई फैसला लिया जाए और आपत्तिजनक सीन हों तो उसे हटाने को कहा जाए।"
इस बीच 'आल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फैडरेशन' के अध्यक्ष करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने भी फिल्म के टाइटल को गंभीरता से लिया है, और फिल्म निर्माता तथा निदेशक से कहा है कि उन्होंने फिल्म के बारे में एसजीपीसी से अनुमति ली जाए और इसका टाईताल बदल दिया जाए।