'शमिताभ' की कहानी दो व्यक्तियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक मकसद के लिए साथ तो होते हैं, लेकिन अपने अहंकार की वजह से अलग-थलग रहते हैं।
अमिताभ ने ब्लाग पर लिखा, "नहीं, हमारे पेशे में अहंकार नहीं है। मैं औरों की नहीं जानता, लेकिन कम से कम मैं तो अहंकारी नहीं हूं। मुझे अहंकार, आत्म-निष्ठा, आत्म दंभ शब्द समझ नहीं आते...मैं बाकी सभी की तरह ही एक साधारण इंसान हूं। जीविकोपार्जन के लिए बस कुछ अलग काम कर रहा हूं। मेरे लिए अहंकार का अस्तित्व नहीं है।"