प्रदर्शक राजेश थडानी कहते हैं, "'दम लगा के अहीसा' ने बेहद धीमी शुरुआत की लेकिन फिल्म को मिली मौखिक तारीफों ने हफ्ते के अंत में फिल्म की कमाई में बढ़ोतरी की। वहीं 'अब तक छप्पन' को कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली है।"
वहीं ट्रेड पंडितों का मानना है कि सीक्वल फिल्मों की शुरुआत ज्यादातर अच्छी ही होती है लेकिन 'अब तक छप्पन' के मामले में यह बात लागू नहीं होती। यह फिल्म थियेटर तक भीड़ खीचने में नाकामयाब रही है।
वहीं विश्लेषक आमोद मेहरा का कहना है, "शुक्रवार को भी फिल्म ने बेहद रूखी शुरुआत की और आलोचकों द्वारा भी नकार दिया गया। फिल्म की कमाई का स्तर भी काफी नीचे ही रहा। दर्शकों को फिल्म बिलकुल नहीं भाई।"