
एक बुद्धिमान पुरुष की प्रशंसा उसकी अनुपस्थिति में करनी चाहिए, किन्तु स्त्री की प्रशंसा उसके मुख पर।

अपनी प्रशंसा सुनकर हम इतने मतवाले हो जाते हैं कि फिर हम में विवेक की शक्ति भी लुप्त हो जाती है। बड़े-से -बड़ा महात्मा भी अपनी प्रशंसा सुनकर फूल उठता है।

मुझे किसी दूसरी वस्तु की इतनी आवश्यकता नहीं है जितनी की आत्मपूजा की भूख के पोषण की।

हर उस व्यक्ति के लिए समय की कोई कमी नहीं रहेगी जिसे समय का उपयोग करना आता है।

शिक्षा बुढ़ापे के लिए सबसे अच्छा प्रावधान है।

शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है। शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है।

सोचना ब्रेन केमिस्ट्री का अभ्यास है।

चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम कह सकते हैं।

ज्ञान केवल संभावित शक्ति है. शक्ति को प्रकट करने के लिए इसे प्रयोग करना होगा|

संकोच युवाओं के लिए एक आभूषण है, लेकिन बड़ी उम्र के लोगों के लिए धिक्कार!