
मैंने एक बार पढ़ा था कि जो लोग दूसरों को पढ़ते हैं वो बुद्धिमान होते हैं लेकिन जो खुद को पढ़ते हैं वो प्रबुद्ध होते हैं।

अगर आप के पास ज्ञान है तो दूसरों को भी इससे अपनी मोमबत्ती रौशन करने दो।

ज्ञान में वृद्धि को वास्तव में कड़वाहट में कमी से मापा जा सकता है।

हम जानकारी में डूब रहे हैं लेकिन ज्ञान के भूखे हैं।

अपने आप को जानना सारे ज्ञान की शुरुआत है।

आप जिससे भी कभी मिलोगे वह वो जानता है जो आप नहीं जानते।

सुंदरता चली जाती है लेकिन बुद्धिमत्ता रहती है।

बुद्धि अनुभव से आती है। अनुभव अक्सर ज्ञान की कमी का परिणाम है।

ईश्वर ने समझ की कोई सीमा नहीं रखी है।

समझदारी का सही चिन्ह ज्ञान नहीं बल्कि कल्पना है।