कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।

केवल बुद्धि के द्वारा ही मानव का मनुष्यत्व प्रकट होता है।
चतुर मनुष्य अपना ज्ञान छिपाकर रखता है, पर मूर्ख अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करता है।
सौभाग्य वीर से डरता है और सिर्फ भीरु को भयभीत करता है।
कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है, लड़ते-लड़ते मर जाना।