
कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिसपर वह उत्पन्न हुई है।

मैंने पूरी ज़िन्दगी वहाँ कांटे निकालने और फूल लगाने का प्रयास किया है जहाँ वो विचारों और मन में बड़े हो सके।

बिना पहल के, लीडर महज़ एक श्रमिक है जो लीडर बन कर बैठा हुआ है।

सुनने वाला खुश रहता है, बोलने वाला दुखी।

धैर्यवान आदमी के क्रोध से सावधान रहो।

हमारे भाई और बहन हमारी व्यक्तिगत कहानियों की शुरुआत से अवश्यंभावी शाम तक हमारे साथ होते हैं।

यदि हम स्थायी शांति स्थापित करना चाहते हैं तो हमें बच्चों के साथ शुरुआत करनी होगी।

जब मेरे पास कम पैसे होते हैं तो मैं किताबें खरीदता हूँ, और अगर कुछ बचता है तो मैं खाना और कपड़े लेता हूँ।

अगर मैं तुम्हारी आँखों में दर्द देख सकूँ तो मेरे साथ अपने आँसू बांटो। अगर मैं तुम्हारी आँखों में खुशियां देख सकूँ तो मेरे साथ अपनी मुस्कान बांटो।

ख़ुशी एक लक्ष्य नहीं है... यह अच्छी तरह से जिए गए जीवन का एक बाय-प्रोडक्ट है।