हर शाम सुहानी नहीं होती, हर चाहत के पीछे कहानी नहीं होती; कुछ तो असर ज़रूर होगा मोहब्बत में, वर्ना गोरी लड़की काले औज़ार की दीवानी नहीं होती!
अगर हो मर्ज़ी से सेक्स तो पाप नहीं होता, अगर हो कुंवारी से सेक्स तो उसका जवाब नहीं होता; पर दोस्त कभी बिना कंडोम के मत चोदना, क्योंकि खड़े लंड का दिमाग नहीं होता!
महफ़िल-ए-चुदाई सजाओ तो कोई बात बने, दौलत-ए-चूत लुटाओ तो कोई बात बने; दूध गिलास से पीना गंवारा नहीं है हमें, सीधा चूची से पिलाओ तो कोई बात बने!
मत मिलाया कर तू उनसे ऐ खुदा; जिनकी तू दिला नहीं सकता!
हम उस बेवफा से दिल लगा बैठे,
खली फोकट अपनी सुकून की माँ-बहन एक करवा बैठे,
वो तो चुप-चाप सो गई किसी के बिस्तर पे जाकर,
हम अपनी ही झांटों में आग लगा बैठे।
मुरझाये हुए फूल हम पानी देकर खिला देते हैं;
जब आती है उनकी याद तो बस उनकी फ़ोटो देख कर हिला लेते हैं!
बहुत से लोगों को इश्क़ में पिघलते देखा है;
किसी को झाड़ियों में और किसी को गाड़ियों में हिलते देखा है!
नुमाइश ए जमाल है कि मुफलिसी से जंग है;
तुम्हारे जिस्म पर लिबास चुस्त है कि तंग है!
वो पेड़ ही क्या जो वक़्त के साथ बड़ा ना हो जाये;
और वो चूची ही क्या जिसे देखते ही लंड खड़ा ना हो जाये!
कुछ इस तरह इश्क़ में जिस्म और रूहें सट्ट जाती हैं;
तड़प लंड की होती है और चूत फट जाती है!