अर्ज़ किया है:
जिस दिन उनसे दिल लगा बैठे;
तनहा में सुकून कि माँ चुदा बैठे।
वो तो सो गयी, किसी और के बिस्तर पे;
और हम अपनी ही झांटो में आग लगा बैठे।
जोश भरे लंड को यूँ ठुकराया नहीं करते;
यूँ चूत दिखा कर आगे से गुज़र जाया नहीं करते;
क्या हुआ अगर मेरा घर, महल नहीं किसी राजा का, तो क्या झोंपड़ी में लोग चुदवाया नहीं करते।
निगाहों से निगाहें मिला कर तो देखो;
कभी किसी लड़की को पटा कर तो देखो।
हसरतें दिल में दबाने से क्या फ़ायदा;
अपने हाथों से ज़रा दबा कर तो देखो।
आसमान सिमट जाएगा तुम्हारे आगोश में;
लड़की की टाँगें फैला कर तो देखो।
अगर यह ना कर सको तो हार मत मानना;
दो बूँदें तो ज़रूर गिरेंगी, यारो;
ज़रा अपने लंड को हिला कर तो देखो।
रात होगी तो कंडोम भी दुहाई देगा;
टांगो के बीच सारा जहां दिखाई देगा;
ये काम है जानी, जरा संभलकर करना;
एक कतरा भी गिरा तो 9 महीने बाद सुनाई देगा।
मौहब्बत के सिवा और भी गम है जमाने में;
चुत का भौसडा बन जाता है पैसा कमाने में।
प्यार किस्मत है कोई ख्वाब नहीं;
ये वो खेल है जिसमें सब कामयाब नहीं;
जिन्हें इश्क की पनाह मिली वो कुछ ही लोग हैं;
और जिनके लौड़े लग गए उनका तो हिसाब नहीं।
Mehboob Ka Dil Todne Ki Saja Nahi Milti;
Uska Dil Tutne Ki Wajah Bhi Nahi Milti;
Maal To Buhut Fass Jaate Hain, Mere Dost;
Par Unhey Thokne Ki Jagah Nahi Milti!
मोहब्बत करने वालों को इनकार अच्छा नहीं लगता;
बहनचोद दुनिया वालों को ये इक़रार अच्छा नहीं लगता;
जब तक लड़का-लड़की भाग ना जाएँ;
सालों को प्यार सच्चा नहीं लगता।
अर्ज़ किया है:
उड़ती हुई फ्रॉक को काबू में रखो;
उड़ती हुई फ्रॉक को काबू में रखो;
पेंटी ना पहनो कोई बात नहीं;
कम से कम बगीचा तो साफ़ रखो।
चोदते चोदते सुबह हो गयी लंड पे पड़ गए छाले;
चूत फट के गुफा हो गयी वाह रे चोदने वाले!