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एक बार एक अध्यापक कक्षा में बच्चों को रक्त प्रवाह (ब्लड प्रेशर) के बारे में पढ़ा रहा था।
अध्यापक: बच्चों जैसा की आप जानते हैं कि अगर मैं अपने सिर के बल खड़ा हो जाऊँगा तो मेरा रक्त मेरे सिर की ओर तेजी से प्रवाहित होने लगेगा जिसकी वजह से मेरा चेहरा लाल पड़ जाएगा।
बच्चे: जी मास्टर जी।
अध्यापक: तो फिर बच्चो एक बात बताओ अभी जैसे मैं अपने पैरो पर खड़ा हुआ हूँ तो रक्त का प्रवाह मेरे पैरों की तरफ क्यों नहीं हो रहा।
अध्यापक की बात सुन कर पप्पू खड़ा हुआ और बोला, "मास्टरजी मैं बताऊँ?"
अध्यापक: हाँ बेटा पप्पू तुम बताओ।
पप्पू: मास्टर जी क्योंकि आपके सिर की तरह आपके पैर खाली नहीं हैं।
- जीवन रक्षक फिजिक्स! एक लड़का एक कोचिंग सेंटर में प्री-मेडिकल-टेस्ट की तैयारी कर रहा था।
फिजिक्स उस लड़के को बिलकुल समझ में नहीं आता था और सारे लेक्चर उसके सिर के ऊपर से निकल जाते थे।
एक दिन उसने टीचर से पूछा... - ज़ुल्मी तोता! अपने हरयाणे आले तो तोते बी जुल्मी होवे सै।
दिल्ली आला आदमी अपने हरयाणे में आ रहा था एक मेले में घुमण।
उड़े उसने एक तोता पसंद आ जा से... - दोस्ती की ज़रूरत! एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर रहता था, और वहीं पास एक मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि "हम तुम विवाह कर लें, तो...
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गीत - जिया जले, जान जले, रात भर धुआं चले
बीमारी - बुखार
गीत - तड़प-तड़प के इस दिल से...