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एक मंत्री जी भाषण दे रहे थे उसमें उन्होंने एक कहानी सुनाई:
एक व्यक्ति के तीन बेटे थे, उसने तीनों को 100-100 रूपए दिए और ऐसी वस्तु लाने को कहा जिससे कमरा पूरी तरह भर जाये।
पहला पुत्र 100 रूपए की घास लाया पर उससे पूरी तरह कमरा नही भरा।
दूसरा पुत्र 100 रूपए का कपास लाया उससे भी कमरा पूरी तरह नही भरा।
तीसरा पुत्र 1 रूपए की मोमबती लाया और उससे पूरा कमरा प्रकाशित हो गया।
आगे उस मंत्री ने कहा हमारे प्रधानमंत्री उस तीसरे पुत्र की तरह है, जिस दिन से राजनीति में आये है उसी दिन से हमारा देश उज्जवल प्रकाश और समृद्धि से जगमगा रहा है।
तभी पीछे से किसी आदमी की आवाज आई वो सब तो ठीक है बाकी के 99 रूपए कहाँ है?
- मुर्गे का डर! एक आदमी ने एक मुर्गा रखा हुआ था जो कि उसे बहुत प्यारा था। मुर्गा भी अपने मालिक को बहुत प्यार करता था। एक दिन मालिक बीमार हो गया। मुर्गा अपने...
- दारू का पहाङा: दारू एकम दारू - महफिल हुइ चालू
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दारू चौके बियर... - उदास क्यों हो? संता और बंता कई दिनों बाद मिले संता कुछ उदास सा लग रहा था और आँखों में आंसू थे।
बंता ने पूछा, "अरे तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे तुम्हारा सुब कुछ लुट गया हो क्या बात है?"
संता ने कहा, "अरे क्या बताऊँ... - चोरी ऊपर से सीनाज़ोरी! एक बार एक आदमी बड़ी आराम से अपनी गाड़ी में जा रहा था कि अचानक सामने से आ रही एक महिला की गाड़ी आ कर उसकी गाड़ी से टकरा गयी, पर एक्सिडेंट के बाद दोनों सुरक्षित बच गए।
जब दोनों गाड़ी से बाहर आये तो महिला ने... - नहले पे दहला! एक करोड़पति मर गया और स्वर्ग का दरवाजा खटखटाने लगा।
देव: कौन हो तुम?
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