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यमलोक के दरवाजे पर दस्तक हुई तो यमराज ने जाकर दरवाजा खोला।
उन्होंने बाहर झांका तो एक मानव को सामने खड़ा पाया। यमराज ने कुछ बोलने के लिए मुंह खोला ही था कि वह एकाएक गायब हो गया।
यमराज चौंके और फिर दरवाज़ा बंद कर लिया। यमराज अभी वापस मुड़े ही थे कि फिर दस्तक हुई। उन्होंने फिर दरवाजा खोला। उसी मानव को फिर सामने मौजूद पाया, लेकिन वह आया और फिर गायब हो गया।
ऐसा तीन-चार बार हुआ तो यमराज अपना धैर्य खो बैठे और अबकी बार उसे पकड़ ही लिया और पूछा, "क्या बात है भाई, क्या ये आना-जाना लगा रखा है। मुझसे पंगा ले रहे हो?"
मानव ने बड़ी सहजता पूर्वक जवाब दिया, "अरे नहीं महाराज, दरअसल मैं तो वैंटीलेटर पर हूं और यह डॉक्टर लोग ही हैं जो आपसे मस्ती कर रहे हैं।"
- नया साल मुबारक मेरी तरफ से
तमाम
छोटे
बड़े
मोटे
पतले
काले... - बीवी चालीसा! बीवी सेवा सच्ची सेवा।।
जो करे वो खाये मेवा।।
जो बीवी के पाँव दबावै।।
बस वैकुंठ परम पद पावै।।
जो बीवी की करे गुलामी।।
ना आये कोई परेशानी।।
जो बीवी... - पति पर निबंध! पति एक घरेलू प्राणी है , यह सभी घरों में अनिवार्य रूप से पाया जाता है।
इस घरेलू प्राणी को पालने का पूरा अधिकार पत्नी पद से सम्मानित महिला को प्राप्त होता है।
1. इसकी दो आंखे होती है... - शादी के बाद! पति: इस दिन का तो मुझे कब से इंतजार था।
पत्नी: तो मैं जाऊं?
पति: ना, बिल्कुल ना।
पत्नी: क्या तुम... - हरियाणे का भी रिवाज न्यारा है! हरियाणे का भी रिवाज न्यारा है।
उल्टे सीधे नाम निकालने का भी स्वाद न्यारा है;
किसी कमजोर को...