पठान अपनी बेगम को हॉस्पिटल में दाखिल करवाने गया तो वहां उसे उसका सिंधी दोस्त मिल गया।
सिंधी: अरे तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
पठान: वो मैं तुम्हारी भाभी को यहाँ दाखिल करवाने लाया हूँ।
सिंधी: क्यों क्या हुआ भाभी को?
पठान: ओए क्या बताऊँ यार, बाथरूम में नहा रही थी और अचानक चक्कर खा कर गिर गयी। सिर ज़मीन से जा टकराया, खून ही खून बस यार।
सिंधी: ओह यार यह तो बहुत बुरा हुआ। अब कैसी हैं?
पठान: अब तो ठीक है। डॉक्टर ने कहा कि अगर और थोडी देर हो जाती तो कोमा में जा सकती थी।
सिंधी: फिर भाभी ने आवाज लगाई कैसे?
पठान: ओ पागल, आवाज कहाँ से लगाती, बेहोश पडी थी वो।
सिंधी: फिर तुम्हें कैसे पता चला?
पठान: अरे वो तो अच्छा हुआ सामने वाले मकान से खान उसको नहाते हुए देख रहा था। उसी ने आकर हमको बताया वरना ना जाने क्या हो जाता? खुदा भला करे उस खान का, वरना आज-कल तू बता यार अच्छा पडोसी कहाँ मिलता है? |