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संता बाज़ार में दरी बेचने वाली दुकान पर गया और साथ पप्पू को भी ले गया।
संता: मुझे एक बढ़िया दरी चाहिए।
दुकानदार: जी ज़रूर।
दुकानदार ने तरह-तरह की दरियां दिखाई।
अंत में संता को एक दरी पसंद आ गयी।
संता: मुझे यह वाली पसंद है, मैं इसे अभी अपने साथ ले जाता हूँ। यदि यह कमरे में ठीक-ठीक आ गयी तो रख लूंगा नहीं तो वापिस भेज दूंगा।
दुकानदार ने विश्वास कर लिया और बोला: अगर आपने वापिस करनी है तो कल शाम तक वापिस भेज दीजियेगा।
इतने में पप्पू बोला: कोई दिक्कत नहीं अंकल, हमारे यहाँ पार्टी तो आज रात को है।
- दिव्य ज्ञान! नेता का बेटा अपने पिता से बोला, "पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।"
नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं... - फ़िल्मी डॉक्टर! सोचो अगर डॉक्टर फिल्म बनाते तो फिल्मों के नाम क्या होते?
कभी खांसी कभी जुखाम।
कहो न बुखार है... - पतिदेव का मुरब्बा! पतिदेव का मुरब्बा कैसे बनाएं:
सामग्री:
एक पति, कर्कश वाणी, व्यंगात्मक शब्द रचना, स्वाद के लिए धमकी की पत्तियां।
बनाने की विधि:
सुबह-सुबह पतिदेव... - शादी क्या है? 1. शादी एक खुली जेल है, जिसके बंधन में आजीवन रहना होता है।
2. शादी एक ऐसी साझेदारी है, जिसमें पूँजी पति लगाता है... - जैसे प्रभु की इच्छा! घने जंगल से गुजरती हुई सड़क के किनारे एक ज्ञानी गुरु अपने चेले के साथ एक बोर्ड लगाकर बैठे हुए थे, जिस पर लिखा था...