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मैं औऱ मेरी तनहाई,
अक्सर ये बाते करते हैं;
ज्यादा पीऊं या कम,
व्हिस्की पीऊं या रम;
या फिर तौबा कर लूं,
कुछ तो अच्छा कर लूं;
हर सुबह तौबा हो जाती है,
शाम होते होते फिर याद आती है;
क्या रखा है जीने में,
असल मजा है पीने में;
फिर ढक्कन खुल जाता है,
फिर नामुराद जिंदगी का मजा आता है;
रात गहराती है,
मस्ती आती है;
कुछ पीता हूं,
कुछ छलकाता हूं;
कई बार पीते पीते,
लुढ़क जाता हूं;
फिर वही सुबह,
फिर वही सोच;
क्या रखा है पीने में,
ये जीना भी है कोई जीने में;
सुबह कुछ औऱ,
शाम को कुछ औऱ;
मैं औऱ मेरी तनहाई,
अक्सर ये बाते करते हैं।
- अक्ल बड़ी या भैंस! एक बार पठान जहाज़ में एक सीट पर बैठ गया और वहाँ से उठने का नाम ही नहीं ले रहा था।
लोगों ने बहुत मिन्नत की लेकिन वो न माना और बोला, "पठान का ज़ुबान एक है, हम अपना फैंसला नहीं बदलेगा।"... - बीवी का ख़ौफ़! गाँव में रात को भजन का प्रोग्राम था, शर्मा जी की बहुत इच्छा थी जाने की पर पत्नी ने मना कर दिया, "तुम रात को बहुत देर से आओगे, मैं कब तक जागूँगी?"!
ग्यारह बजे वापस आने का बोल के शर्मा जी चले गये... - उपयोगी और टिकाऊ जिन्न! जूठे बरतनों के ढेर से घबराकर महिला बोली, "हे ईश्वर! यह अलादीन का जादुई चिराग पुरुषों को मिलता है, किसी महिला को क्यों नहीं मिलता? कोई जिन्न होता जो हमारा भी हाथ बंटा दिया करता।"...
- फेसबुक की हकीकत: काली-कलूटी लड़की
फेसबुक पर नाम White Angel,
मोटा गैंडा लड़का
फेसबुक पर नाम... - नाम में क्या रखा है! एक बार स्टीवन स्पीलबर्ग एक होटल में डिनर कर रहा था।
एक चीनी फ़ैन उनके पास गया और आटोग्राफ माँगने लगा।
स्पीलबर्ग ने उसे दो थप्पड़ मारे और कहा...