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एक बार एक आदमी अपनी प्रेमिका के साथ पार्क में बाहों में बाहें डाल कर बैठा हुआ था और कुछ बड़ी ही रूमानी बातें कर रहा था कि तभी अचानक वहां एक हवलदार आया और बोला, "आपको शर्म नहीं आती आप एक समझदार व्यक्ति होकर खुलेआम पार्क में ऐसी हरकत कर रहे हैं"।
आदमी: देखिये हवालदार साहब आप गलत समझ रहे हैं, जैसा आप सोच रहे हैं वैसा कुछ भी नहीं है।
हवलदार: तो कैसा है?
आदमी: जी हम दोनों शादीशुदा हैं।
हवालदार: अगर तुम शादीशुदा हो तो फिर अपनी ये प्यार भरी गुटरगूं अपने घर पर क्यों नहीं करते।
आदमी: हवालदार साहब कर तो लें पर वहां मेरी पत्नी और और इसके पति को शायद अच्छा नहीं लगेगा।
- मैं औऱ मेरी तनहाई! मैं औऱ मेरी तनहाई,
अक्सर ये बाते करते हैं;
ज्यादा पीऊं या कम,
व्हिस्की पीऊं या रम;
या फिर तौबा कर लूं,
कुछ तो अच्छा कर लूं... - आगे बढ़ने की होड़! नदी में डूबते हुए आदमी ने पुल पर चलते हुए आदमी को आवाज़ लगायी, "बचाओ-बचाओ"। पुल पर चलते आदमी ने नीचे देखा और उस आदमी को बचाने के लिए पुल से नीचे रस्सी फैंकी और कहा, "रस्सी को पकड़ के ऊपर आ जाओ।" परन्तु नदी में डूबता हुआ आदमी...
- अक्ल बड़ी या भैंस! एक बार पठान जहाज़ में एक सीट पर बैठ गया और वहाँ से उठने का नाम ही नहीं ले रहा था।
लोगों ने बहुत मिन्नत की लेकिन वो न माना और बोला, "पठान का ज़ुबान एक है, हम अपना फैंसला नहीं बदलेगा।"... - बीवी का ख़ौफ़! गाँव में रात को भजन का प्रोग्राम था, शर्मा जी की बहुत इच्छा थी जाने की पर पत्नी ने मना कर दिया, "तुम रात को बहुत देर से आओगे, मैं कब तक जागूँगी?"!
ग्यारह बजे वापस आने का बोल के शर्मा जी चले गये... - उपयोगी और टिकाऊ जिन्न! जूठे बरतनों के ढेर से घबराकर महिला बोली, "हे ईश्वर! यह अलादीन का जादुई चिराग पुरुषों को मिलता है, किसी महिला को क्यों नहीं मिलता? कोई जिन्न होता जो हमारा भी हाथ बंटा दिया करता।"...