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भगवान की ऐसी रचना जो बचपन से ही त्याग और समझौता करना सीखता है।
वह अपने चॉकलेटस का त्याग करता है अपने दांत बचाने के लिये।
वह अपने सपनो का त्याग कर माता-पिता की खुशी के लिये उनके अनुसार कैरियर चुनता है।
वह अपनी पूरी पॉकेट-मनी गर्लफ़्रेंड के लिये गिफ़्ट खरीदने में लगाता है।
वह अपनी पूरी जवानी बीवी-बच्चों के लिये कमाने में लगाता है।
वह अपना भविष्य बनाने के लिये लोन लेता है और बाकी की ज़िंदगी उस लोन को चुकाने में लगाता है।
इन सबके बावज़ूद वह पूरी ज़िंदगी पत्नी, माँ और बॉस से डांट सुनने में लगाता है।
पूरी ज़िंदगी पत्नी, माँ, बॉस और सास उस पर कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं।
उसकी पूरी ज़िंदगी दूसरों के लिये ही बीतती है।
इसलिए हमेशा एक पुरुष का सम्मान करें|
- नारी शक्ति! एक औरत ख़रीदारी करने शॉपिंग मॉल मैं गई कैश काउंटर पर पेमेंट करने के लिए उसने पर्स खोला तो दुकानदार ने महिला के पर्स में टीवी का रिमोट देखा, दुकानदार से रहा नहीं गया उसने पूछा, "आप टीवी का रिमोट हमेशा अपने साथ...
- बेचारा पति! पत्नी को किसी किटी पार्टी में जाना था तो उसने अपने पति से पूछा, "सुनो जी मैं कौन सी साड़ी पहनूं? ये नीली वाली या लाल वाली?
पति: नीली वाली पहन लो।
पत्नी: लेकिन नीली वाली... - गुटर-गुं एक बार एक आदमी अपनी प्रेमिका के साथ पार्क में बाहों में बाहें डाल कर बैठा हुआ था और कुछ बड़ी ही रूमानी बातें कर रहा था कि तभी अचानक वहां...
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- मैं औऱ मेरी तनहाई! मैं औऱ मेरी तनहाई,
अक्सर ये बाते करते हैं;
ज्यादा पीऊं या कम,
व्हिस्की पीऊं या रम;
या फिर तौबा कर लूं,
कुछ तो अच्छा कर लूं...