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यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते:
नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात;
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात;
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज;
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज;
भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास;
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास;
मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश;
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश;
बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान;
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान;
पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग;
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग;
फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर;
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर;
पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप;
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप।
- सेर पर सवा सेर! एक बार संता और बंता दोनों एक दुकान पर गए। वहाँ सब लोगों को अपने काम में व्यस्त देख कर बंता ने 3 चॉकलेट चुरा लिए।
जब दोनों बाहर आये तो बंता... - दोस्ती की ज़रूरत! एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर रहता था, और वहीं पास एक मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि "हम तुम विवाह कर लें, तो कैसा अच्छा रहे?"
मोरनी ने पूछा, "तुम्हारे मित्र कितने है?"... - सयाना पति! एक बार एक पति अपनी पत्नी को एक SMS भेजता है और उसमे लिखता है, " जानू आज मुझे घर पहुँचने में देर हो जायेगी इसीलिए तुम ज़रा मेरे सारे गंदे कपडे धो कर रखना और मेरे घर पहुँचने से पहले...
- एक से बड़ कर एक! प्रेमी-प्रेमिका बाग में बैठे बातें कर रहे थे।
प्रेमी: कल रात मैंने एक बहुत ही सुन्दर सपना देखा।
प्रेमिका: अच्छा, क्या देखा सपने में?... - मांग का महत्त्व! औरतें मांग इसलिए भरती हैं ताकि लोगों को पता चल जाए कि इस प्लाट की रजिस्ट्री हो चुकी है।
पुरुष कभी मांग नहीं भरते क्योंकि ये तो गोचर भूमि है, इसकी रजिस्ट्री नही हो सकती...