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मेरा जनम 12 साल बाद हुआ, रंग लायी मेरे चाहने वालों की दुआ;
जब मैं बिलकुल चूची थी, तब मैं फ्रॉक मैं सोती थी;
फिर मेरे आकार का विस्तार हुआ, निम्बू बड़ के अनार हुआ;
जब मैं बढ़ने लगी, सब की नज़र मुझ पर पड़ने लगी;
हुआ फिर ब्रा मेरा घर, अब लगने लगा मुझे डर;
जब मेरा साइज़ हुआ बड़ा, जाने कितनो का फिर हुआ खड़ा;
भीड़ में लड़कों ने हाथ मारा, मुझे एहसास हुआ बहुत प्यारा;
फिर न जाने कितनो ने दबाया, सच कहूं तो बड़ा मज़ा आया;
किसी ने प्यार से सहलाया, किसी को प्यार से चुसवाया;
किसी ने मुझे मसल दिया, किसी ने मुझ पर अपना रगड़ दिया;
अब जब मैं गयी झूल, सारे मुझ को गए भूल।
- सेक्स की परिभाषा! पप्पू: पापा, यह सेक्स क्या होता है?
संता यह सुनकर सोच में पड़ गया... - पठान की मुसीबत! एक बार एक पठान बड़ा दुखी होकर डॉक्टर के पास गया।
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सेठ एक दिन गुज्जु से मिलने दुकान पर गया तो... - बातों पे ना जाओ अपनी अक्ल लगाओ! बुरा न सोचो होली है! कृपया होली वाले दिन इनका वही मतलब निकालना जो बचपन में समझते थे;
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