देहाती की नम्रता!

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    गॉंव का एक आदमी पहली बार अपने गाँव से कहीं बाहर जाने के लिए बस में सवार हुआ।

    कंडक्टर ने ठीक ड्राइवर के पास वाली सीट पर उसे बैठा दिया।

    बस चलते समय वह आदमी बड़े आश्चर्य से इतनी विशाल बस को चलाते ड्राइवर को ही देखता रहा।

    एक घंटे बाद चाय पानी के लिए एक ढाबे के सामने बस रुकी और ड्राइवर भी चाय पीने चला गया।

    वापस लौटा तो देखा कि गियर चेंज करने वाली रॉड गायब थी।

    वो गुस्से से चिल्लाया, "यहाँ लगी गियर रॉड किसने निकाली?"

    उसके पास की सीट पर बैठा वो देहाती आदमी बड़ी नम्रता से बोला, "साहब नाराज क्यों होते हो, रास्ते भर मैं कब से देख रहा हूँ कि, आप बस चलाते चलाते बार बार ये रॉड निकालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन निकाल नही पाए बस आप हिला ही पाए... मैंने अपनी पूरी ताकत से निकाल दी। ये लो।"

    . ड्राईवर अभी कोमा में है और होश आते ही फिर बेहोश होने की सम्भावना है।
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