ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती है। दूसरो के कन्धों पर तो सिर्फ जनाज़े उठाये जाते हैं। |
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है! |
प्रेमी, पागल, और कवी एक ही चीज से बने होते हैं। |
मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है! |
ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दूसरों के कन्धों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं! |
इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे| |
इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे. |
आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदि हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की ज़रुरत है| |
ज़रूरी नहीं था की क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था| |
क्रांतिकारी सोच के 2 लक्षण होते हैं एक बेरहम निंदा और दूसरा स्वतंत्र सोच | |