अन्य Hindi SMS

  • सच और वहम में क्या फ़र्क है?<br/>
सरकार कॉलर ट्यून के माध्यम से कोरोना की बातें हमें सुनाती है - ये सच है!<br/>
और हम सब सुन रहे हैं ये सरकार का वहम है!Upload to Facebook
    सच और वहम में क्या फ़र्क है?
    सरकार कॉलर ट्यून के माध्यम से कोरोना की बातें हमें सुनाती है - ये सच है!
    और हम सब सुन रहे हैं ये सरकार का वहम है!
  • सुखी होने के बहुत से रास्ते हैं पर औरों से ज़्यादा सुखी होने का कोई रास्ता नहीं है!Upload to Facebook
    सुखी होने के बहुत से रास्ते हैं पर औरों से ज़्यादा सुखी होने का कोई रास्ता नहीं है!
  • जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है;<br/>
वरना अपना कहने वाले लोग तो याद भी नहीं करते!Upload to Facebook
    जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है;
    वरना अपना कहने वाले लोग तो याद भी नहीं करते!
  • ज़िंदगी की तपिश को सहन कीजिये जनाब,<br/>
अक्सर वे पौधे मुरझा जाते हैं, जिनकी परवरिश छाया में होती हैं!Upload to Facebook
    ज़िंदगी की तपिश को सहन कीजिये जनाब,
    अक्सर वे पौधे मुरझा जाते हैं, जिनकी परवरिश छाया में होती हैं!
  • आपकी बचकानी हरकतें ही आपको जिंदा-दिल रखती है...<br/>
वरना...समझदारी का दूसरा नाम बुढापा है!Upload to Facebook
    आपकी बचकानी हरकतें ही आपको जिंदा-दिल रखती है...
    वरना...समझदारी का दूसरा नाम बुढापा है!
  • कोरोना मोहब्बत की तरह है, आपको पता भी नहीं चलेगा कब हो गया!Upload to Facebook
    कोरोना मोहब्बत की तरह है, आपको पता भी नहीं चलेगा कब हो गया!
  • बचपन की यादें:<br/>
बचपन में पेन की रिफिल खरीदकर लाते थे!<br/>
पहली बार थोड़ी से काटकर पेन में डालते थे, जब ज्यादा कट जाती थी, पीछे कागज़ डालते थे!Upload to Facebook
    बचपन की यादें:
    बचपन में पेन की रिफिल खरीदकर लाते थे!
    पहली बार थोड़ी से काटकर पेन में डालते थे, जब ज्यादा कट जाती थी, पीछे कागज़ डालते थे!
  • इस दुनिया का कोई `रंग` नहीं, कोई `ढंग` नहीं!<br/>
पैसा पास हैं तो सब कुछ हैं, वरना कोई `संग` नहीं!Upload to Facebook
    इस दुनिया का कोई "रंग" नहीं, कोई "ढंग" नहीं!
    पैसा पास हैं तो सब कुछ हैं, वरना कोई "संग" नहीं!
  • बेशक पलट के देखो वह बीता हुआ कल है;<br/>
पर बढ़ना तो उधर ही है जहाँ आने वाला कल है।Upload to Facebook
    बेशक पलट के देखो वह बीता हुआ कल है;
    पर बढ़ना तो उधर ही है जहाँ आने वाला कल है।
  • बचपन में भाई बहन दिन में 5 बार नाराज़ होते थे और राज़ी हो जाते थे!<br/>
अब बड़े होकर एक बार नाराज़ हो जायें तो फिर शायद सीधे जनाज़े पर मिलते हैं!Upload to Facebook
    बचपन में भाई बहन दिन में 5 बार नाराज़ होते थे और राज़ी हो जाते थे!
    अब बड़े होकर एक बार नाराज़ हो जायें तो फिर शायद सीधे जनाज़े पर मिलते हैं!
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT