जैसे जैसे उम्र गुज़रती रहती है एहसास होने लगता है कि माँ बाप हर चीज के लिए सही कहते थे। |
सर झुके बस उनकी शहादत में; जो शहीद हुए हमारी हिफाज़त में! शहीदों को नमन! |
जिस तरह इंसान ने प्रकृति को पॉलिथीन से ढक दिया, ठीक उसी प्रकार अब प्रकृति ने भी इंसान को पॉलिथीन से ढक दिया! अभी भी वक़्त है जाग जाओ! |
यूँ चंचल निगाहों से हमको देखा न करो हुजूर; कोरोना फैला है, अभी रहो तुम हमसे तनिक दूर! |
दुश्मनों के बीच ऐसे रहिये जैसे एक जीभ 32 दांतों के बीच रहती है! मिलती सबसे है पर दबती किसी से नहीं! |
कैसा अजीब दौर आया है जो बीमार होगा वो तन्हा होगा और जो तन्हा होगा वो बीमार नहीं होगा! |
आज का ज्ञान: मुँह के आगे अलग और पीठ के पीछे अलग बोलने वालों से हमेशा "सोशल डिस्टेंस" बना कर रखिये! ऐसे लोग "कोरोना" से भी खतरनाक होते हैं! |
प्रभु ने सब सोच समझ कर बनाया है! अब देखो कान, इतने बाहर ना निकले होते तो कील ठोकनी पड़ती मास्क लगाने के लिए! |
मन के किसी कोने में किसी के बारे में पड़ी क़डवाहट को क्वॉरेंटाइन करें! क्या पता कोई रिश्ता, वेंटिलेटर पर ज़ाने से रुक ज़ाए! |
कल साथ रहने के लिये आज दूरियां ज़रूरी है! |