अनमोल वचन Hindi Quotes

  • अगर तुम गरीब पैदा हुए हो तो ये तुम्हारी गलती नहीं है, लेकिन अगर तुम गरीब मर जाते हो तो ये तुम्हारी गलती है!Upload to Facebook
    अगर तुम गरीब पैदा हुए हो तो ये तुम्हारी गलती नहीं है, लेकिन अगर तुम गरीब मर जाते हो तो ये तुम्हारी गलती है!
    ~ Bill Gates
  • नदी की दिशा बदलने की कोशिश मत करो!Upload to Facebook
    नदी की दिशा बदलने की कोशिश मत करो!
    ~ Deepak Chopra
  • ओछी बुद्धि से, चित्त ओछा हो जाता है, और व्यक्ति मिठाई के साथ मक्खी भी खाता है।Upload to Facebook
    ओछी बुद्धि से, चित्त ओछा हो जाता है, और व्यक्ति मिठाई के साथ मक्खी भी खाता है।
    ~ Guru Nanak Dev Ji
  • ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं! वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है!Upload to Facebook
    ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं! वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है!
    ~ Author Unknown
  • अगर आप उन बातों एंव परिस्थितियों की वजह से चिंतित हो जाते है, जो आपके नियंत्रण में नहीं तो इसका परिणाम समय की बर्बादी एंव भविष्य पछतावा है!Upload to Facebook
    अगर आप उन बातों एंव परिस्थितियों की वजह से चिंतित हो जाते है, जो आपके नियंत्रण में नहीं तो इसका परिणाम समय की बर्बादी एंव भविष्य पछतावा है!
    ~ Author Unknown
  • विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है!Upload to Facebook
    विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है!
    ~ Rabindranath Tagore
  • अगर आप समय पर अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते हैं तो आप एक और गलती कर बैठते हैं! आप अपनी गलतियों से तभी सीख सकते हैं जब आप अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं!Upload to Facebook
    अगर आप समय पर अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते हैं तो आप एक और गलती कर बैठते हैं! आप अपनी गलतियों से तभी सीख सकते हैं जब आप अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं!
    ~ Author Unknown
  • मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है!Upload to Facebook
    मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है!
    ~ Premchand
  • कर्म, ज्ञान और भक्ति का संगम ही जीवन का तीर्थ राज है!Upload to Facebook
    कर्म, ज्ञान और भक्ति का संगम ही जीवन का तीर्थ राज है!
    ~ Dinanath Dinesh
  • जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे अपनी माँ के पीछे चलता है। उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं।Upload to Facebook
    जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे अपनी माँ के पीछे चलता है। उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं।
    ~ Chanakya