Hindi Quotes

  • बुराई के जड़ ज़माने के लिए इतना काफी है कि अच्छे लोग कुछ न करें,</br> और बुराई जड़ पकड़ लेगी।Upload to Facebook
    बुराई के जड़ ज़माने के लिए इतना काफी है कि अच्छे लोग कुछ न करें,
    और बुराई जड़ पकड़ लेगी।
    ~ Edmund Burke
  • व्यायाम गद्य की तरह है, जबकि योग गति की कविता है।</br>  एक बार जब आप योग का व्याकरण समझ जाते हैं; आप अपने गति की कविता लिख सकते हैं।Upload to Facebook
    व्यायाम गद्य की तरह है, जबकि योग गति की कविता है।
    एक बार जब आप योग का व्याकरण समझ जाते हैं; आप अपने गति की कविता लिख सकते हैं।
    ~ Amit Ray
  • औरत औरत की सबसे बड़ी दुश्मन होती है।Upload to Facebook
    औरत औरत की सबसे बड़ी दुश्मन होती है।
    ~ Anonymous
  • हर सुनी-सुनाई बात पर यकीन मत करिए।</br> एक कहानी के हमेशा तीन पहलू होते हैं। आपका, उनका और सच।Upload to Facebook
    हर सुनी-सुनाई बात पर यकीन मत करिए।
    एक कहानी के हमेशा तीन पहलू होते हैं। आपका, उनका और सच।
    ~ Brahma Kumari Shivani
  • शांति और विश्वास बनने में सालों लगते हैं और टूटने में कुछ पल।Upload to Facebook
    शांति और विश्वास बनने में सालों लगते हैं और टूटने में कुछ पल।
    ~ Mahogany SilverRain
  • जो लोग मौज-मस्ती के लिए समय नहीं निकाल पाते वो देर-सवेर बीमारी के लिए समय निकाल लेते हैं।Upload to Facebook
    जो लोग मौज-मस्ती के लिए समय नहीं निकाल पाते वो देर-सवेर बीमारी के लिए समय निकाल लेते हैं।
    ~ John Wanamaker
  • ईश्वर पर प्रश्न उठाना छोड़ो और उस पर भरोसा करना शुरू करो।Upload to Facebook
    ईश्वर पर प्रश्न उठाना छोड़ो और उस पर भरोसा करना शुरू करो।
    ~ Joel Osteen
  • आप कौन हैं इस बारे में उत्सुक होने के लिए योग एक सही अवसर है।Upload to Facebook
    आप कौन हैं इस बारे में उत्सुक होने के लिए योग एक सही अवसर है।
    ~ Jason Crandell
  • मरने का डर जीने के डर से पैदा होता है।</br> जो इंसान पूरी तरह जीता है वो किसी भी वक़्त मरने के लिए तैयार रहता है।Upload to Facebook
    मरने का डर जीने के डर से पैदा होता है।
    जो इंसान पूरी तरह जीता है वो किसी भी वक़्त मरने के लिए तैयार रहता है।
    ~ Mark Twain
  • कई सारे अच्छे गुण आपकी एक चाहत को संतुलित करने के लिए काफी नहीं होते- पैसे की चाहत।Upload to Facebook
    कई सारे अच्छे गुण आपकी एक चाहत को संतुलित करने के लिए काफी नहीं होते- पैसे की चाहत।
    ~ Johann Georg Zimmermann