ज़मीन पे सुकून की तलाश है; मालिक तेरा बंदा कितना उदास है; क्यों खोजता है इंसान राहत दुनिया में; हर मसले का हल तेरी अरदास है। |
आँधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ; तू नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ; एक बून्द हूँ मुझे ऐसी फितरत दे मेरे मालिक; कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊँ। |
ज़रूर कोई तो लिखता होगा कागज़ और पत्थर का भी नसीब; वरना यह मुमकिन नहीं कि कोई पत्थर ठोकर खाए और कोई पत्थर भगवान बन जाये, और कोई कागज़ रद्दी और कोई कागज़ गीता और कुरान बन जाये। |
जीवन में पीछे देखो 'अनुभव' मिलेगा; जीवन में आगे देखो तो 'आशा' मिलेगी; दायें - बायें देखो तो 'सत्य' मिलेगा; स्वयं के अंदर देखो तो 'परमात्मा' और 'आत्मविश्वास' मिलेगा। |
जो कुछ भी मैंने खोया वह मेरी नादानी थी, और जो कुछ भी मैंने पाया वह रब की मेहरबानी थी। |
हम और हमारे ईश्वर दोनों एक जैसे हैं। जो रोज़ भूल जाते हैं... वो हमारी गलतियों को, हम उसकी मेहरबानियों को। |
सतगुरु के पास प्यार का खज़ाना है, पर कर्मों का हिसाब तो चुकाना है; सतगुरु का सिमरन भूलना ना कभी, क्योंकि सिमरन के जरिये ही सतगुरु को पाना है। |
तुझे क्या कहूँ मेरे शहंशाह तेरे सामने मेरा हाल है, तेरी एक निगाह की बात है, मेरी ज़िन्दगी का सवाल है। |
जय श्री कृष्णा, दुनिया से हर बाज़ी जीत कर मशहूर हो गए, इतना मुस्कुराये कि आँसू दूर हो गए, हम काँच थे दुनिया ने हमको फेंक दिया था, मगर बिहारी जी के चरणों में आये तो कोहिनूर हो गए। |
कोई तो है मेरे 'अंदर' मुझे संभाले हुए, 'बेकार' सा रह कर भी 'बरक़रार' हूँ। |