तुझे भूलने की कोशिशें कभी कामयाब न हो सकें; तेरी याद शाख-ऐ-गुलाब है, जो हवा चली तो महक गई! |
हम तुमसे दूर कैसे रह पाते; दिल से तुमको कैसे भूल पाते; काश तुम आईने में बसे होते; ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते! |
वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई; उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई; आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा; मज़ाक हमसे हवा कर गई! |
शोर न कर धड़कन ज़रा, थम जा कुछ पल के लिए; बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है! |
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से लेनी पड़ती है; जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़ कर! |
एक दिन हमारे आंसुओ ने हमसे पूछा, "हमें रोज़ रोज़ क्यों बुलाते हो?" हम ने कहा, "हम 'नाम-ऐ-हुसैन' लेते हैं, तुम तो खुद ही चले आते हो!" |
पत्ते गिर सकते है, पर पेड़ नहीं; सूरज डूब सकता है, पर आसमान नहीं; आप भूल सकते है, पर हम नहीं! |
ये चाँद चमकना छोड़ भी दे, तेरी चांदनी मुझे सताती है; तेरे जैसा ही था उसका चेहरा, तुझे देख के वो याद आती है! |
तड़प उठते है, उन्हें याद करके; जो गए है, हमे बर्बाद करके; अब तो इतना ही ताल्लुक रह गया है; कि रो लेते है, बस उन्हें याद करके! |