गौतम बुद्ध ने घर छोड़ा तो भगवान बन गए! मैंने घर छोड़ा तो 2 लट्ठ पड़ गए और चौंक पे मुर्गा भी बन गया! इसलिए घर पर रहें, सुरक्षित रहें! |
दूरियाँ तो पहले ही आ चुकी थीं लोगों के दिलों में, एक बीमारी ने आकर इल्ज़ाम अपने सिर ले लिया! |
शराब पीकर घूमने वाले एक व्यक्ति को पुलिस पकड़कर ले गयी! 400, 500 लोगों की भीड़ भी उसके पीछे - पीछे थाने चली गयी! इतनी भीड़ देखकर पुलिस ने उसको कोई बड़ा प्रभावशाली व्यक्ति समझकर तुरन्त छोड़ दिया और माफ़ी भी माँग ली गलती के लिए! उसने बाहर निकलकर सबको सहयोग करने के लिये धन्यवाद दिया! भीड़ बोली, "भाड़ में गया तेरा धन्यवाद... तू तो ये बता कि मिल कहाँ रही है?" |
4 घंटे में पूरा करना होगा विवाह समारोह! ~ सरकार अब सरकार को ये कौन बताये कि 4 घंटे में तो बस रूठ कर बैठा हुआ फूफ़ा ही मानेगा! |
तमाम क़ायनात में एक क़ातिल बीमारी की हवा हो गयी; वक़्त ने कैसा सितम किया कि दूरियाँ दवा हो गयी! |
समाज एक ऐसा बाजार है, जहाँ सलाह थोक में और सहयोग ब्याज पर मिलता है। |
तेरी ही आंचल में निकला बचपन, तुझ से ही तो जुड़ी हर धड़कन; कहने को तो माँ सब कहते, पर मेरे लिए तो है तू भगवान। हैप्पी मदर्स डे! |
रुके तो चांद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है; वह माँ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है। मदर्स डे की शुभ कामनायें! |
सारे जहान में नहीं मिलता बेशुमार इतना, सुकून मिलता है माँ के प्यार में जितना; बेहद मीठा कोमल होता है, माँ के प्यार से ज्यादा कुछ नहीं अनमोल होता है! हैप्पी मदर्स डे! |
आज का ज्ञान: बहू, नारियल, दामाद और तरबूज़ अंदर से कैसे निकलेंगे कोई नहीं जानता! |