पहले हम छुट्टियों के मज़े लेते थे! अब छुट्टियां हमारे मज़े ले रहीं हैं! |
बेचारी लड़कियाँ किसी के घर रिश्तेदारी में भी जाएं तो बस एक ही दिन मेहमान नवाज़ी होती है! दूसरे दिन वो लोग भी बर्तन मंजवा लेते हैं! |
कोरोना को चाहे जितनी मर्ज़ी गालियाँ दो! पर बेचारे ने आज तक ना तो किसी के साथ भेदभाव किया ना ही जातिवाद! सबका साथ सबका सत्यानाश! |
महिलायें खुद को 45 की मान नहीं रही थी! 18 साल से ऊपर वालों को वैक्सीन बस इसलिए ही किया गया है! |
पहले कोई छींकता था तो आदमी रुक जाता था कि कहीं मेरा काम ना सिमट जाये! अब कोई छींकता है तो रुके हुए 10 आदमी भी चल देते हैं, कहीं मेरा काम ना निपट जाये! |
हमेशा स्पेशल बन कर रहें क्योंकि गर्मी आ गयी है 'आम' हुए तो आचार बना दिए जाओगे! |
क्या सुनायें दर्द-ए-दिल साहेब किस हाल में जी रहे हैं; रॉयल चैलेंज के गिलास में हल्दी वाला गर्म दूध पी रहे हैं! |
बाजार में जैसे ही किसी सुंदर चीज़ को देख के मुँह से WOW निकलता है, उसके दाम सुनकर WOW तुरंत ही HAIN बदल जाता है! |
नवमी तिथि मधुमास पुनीता, शुक्ल पक्ष अभिजीत नव प्रीता; मध्य दिवस अति शीत न घामा, पवन काल लोक विश्रामा! राम नवमी की हार्दिक शुभकामनायें! |
आज का ज्ञान: कभी भी "खाना तैयार है" की पहली आवाज़ पर मत उठें... वो दरअसल आपको सलाद काटने, पानी भरकर लाने और प्लेट लगाने के लिए होती है! |