उम्मीदों को टूटने मत देना; इस दोस्ती को कम होने मत देना; दोस्त मिलेंगे हमसे भी अच्छे पर; इस दोस्त को यूँ ही भुला मत देना। |
कौन कहता है हम आपको याद नहीं करते; करते तो हैं मगर इज़हार नहीं करते; सोचते हैं कहीं यादें बिखर न जायें; इसलिए हर बार दीदार नहीं करते। |
करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे; दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे; रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी; कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें। |
हम तेरे दिल में रहेंगे एक याद बनकर; तेरे लब पे खिलेंगे मुस्कान बनकर; कभी हमें अपने से जुदा न समझना; हम तेरे चलेंगे आसमान बनकर। |
कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते हैं; पहले दिल से फिर ज़िंदगी से जुड़ जाते हैं; क्या कहते हैं उस दौर को; जिसमे अनजाने न जाने कब अपने बन जाते हैं। |
वो मेरा दोस्त जो खुदा सा लगता है; दिल के पास है पर फिर भी जुदा सा लगता है; बहुत दिनों से आया नहीं कोई पैगाम उसका; शायद किसी बात पे हमसे ख़फ़ा सा लगता है। |
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; रातें कटती हैं लेकर नाम तेरा; मुद्दत से बैठा हूँ पाल के ये आस; कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा। |
हो सकता है कि हम साथ रह न पायें; एक दूसरे से कभी कुछ कह न पायें; मत बढ़ाओ इतनी नज़दीकियां तुम; कि हम दूरियां फिर सह न पायें। |
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है; खामोशियों की आदत सी हो गई है; ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से; अगर है तो एक मोहब्बत जो इन तनहाइयों से हो गई है। |
खता अगर हमसे हो जाये तो माफ़ करना; याद ना कर पाये तुम्हें तो माफ़ करना; यूँ तो हम कभी आपको भूलते नहीं; पर यह दिल की धड़कन ही थम जाये तो माफ़ करना। |