लोग रिश्ते बना कर यूँ तोड़ जाते हैं; बेवजह हमसे यूँ ही रूठ जाते हैं; मिलने पर राह में अजनबी कहते हैं; लगता है शायद यही दुनिया का दस्तूर कहलाता है। |
न जाने कब फिर से ये मंज़र सुहाना मिलेगा; ये खिल-खिलाती हँसी और दोस्तों का याराना मिलेगा; क़ैद कर लो इन खूबसूरत लम्हों को अपनी यादों में यारो; इन्ही लम्हों से हमें ज़िंदगी में रोते हुए भी हँसने का बहाना मिलेगा। |
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ; प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ; इस दिल में दर्द नहीं यादें हैं उसकी; अब यादें ही मुझे दर्द दें तो इल्ज़ाम क्या दूँ। |
दूरियां बहुत हैं मगर इतना समझ लो; पास रह कर ही कोई ख़ास नहीं होता; तुम इस कदर पास हो मेरे दिल के; मुझे दूरियों का एहसास नहीं होता। |
काश हमारी भी परवाह किसी ने की होती; तो ये दुनिया हमें रुस्वा न होती; काश हमें भी आता आप जैसा मुस्कुराना; तो हमसे भी किसी ने मोहब्बत की होती। |
तड़प कर देखो किसी की चाहत में; पता चलेगा इंतज़ार क्या होता है; यूँ ही मिल जाता बिना कोई तड़पे तो; कैसे पता चलता कि प्यार क्या होता है। |
रिश्तों की ही दुनिया में अक्सर ऐसा होता है; दिल से इन्हें निभाने वाला ही रोता है; झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए; क्योंकि हर रिश्ता एक नाजुक समझौता होता है। |
कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब टूटे; ना जाने कितने टुकड़ों में अरमां टूटे; हर टुकड़ा है आईना जिंदगी का; हर आईने के साथ लाखों जज़्बात टूटे। |
अगर ज़िद्द तुम्हारी रुठने की है; तो हमारी ज़िद्द भी तुम्हें मनाने की है; तुम लाख कोशिश करो हमसे दूर जाने की; हमारी कोशिश बस ये दूरियां मिटाने की है। |
बिखरे अश्कों के मोती हम पिरो न सके; तेरी याद में सारी रात सो न सके; मिट न जाये आँसुओं से याद; यही सोच कर हम रो न सके। |