इंतज़ार तो बहुत था हमें; लेकिन आये न वो कभी; हम तो बिन बुलाये भी आ जाते; अगर होता उन्हें भी इंतज़ार कभी। |
दूरियां होते हुए भी सफर वही रहता है; कोई साथ न हो पर हमसफ़र वही रहता है; बहुत मुश्किल है ये सफ़र मोहब्बत का; दूर होकर भी पास होने का एहसास वही रहता है। |
दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम; दुनिया के ग़मों को भी जानते हैं हम; आप जैसे दोस्तों के ही सहारे; आज भी हँस कर जीना जानते हैं हम। |
सच बोलता हूँ तो रिश्ते टूट जाते हैं; झूठ कहता हूँ तो खुद टूट जाता हूँ। |
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर; हम उसे अपनी खता कहते हैं; वो तो साँसों में बसी है मेरे; जाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते हैं। |
कुछ मीठे पल याद आते हैं; पलकों पर आँसू छोड़ जाते हैं; कल कोई और मिल जाये तो हमें न भूलना; क्योंकि कुछ रिश्ते उम्र भर काम आते हैं। |
अजीब लगती है शाम कभी-कभी; ज़िंदगी लगती है बेजान कभी-कभी; समझ आये तो हमें भी बताना; कि क्यों करती हैं यादें परेशान कभी-कभी। |
कल हो न हो आज तो है; आज हो न हो यह पल तो है; यह पल हो न हो हम तो हैं; हम हों न हों हमारी दोस्ती तो है। |
वो पलकें झुकाना, वो तेरा शर्माना; कोई तुझसे सीखे दिल को चुराना; वो लटों को अपनी उंगली से घुमाना; कोई तुझसे सीखे किसी को दीवाना बनाना। |
अभी कुछ दूरियां तो कुछ फांसले बाकी हैं; पल-पल सिमटती शाम से कुछ रौशनी बाकी है; हमें यकीन है कि कुछ ढूंढ़ता हुआ वो आयेगा ज़रूर; अभी वो हौंसले और वो उम्मीदें बाकी हैं। |