जिस तरह चेचक को माता का दर्ज़ा मिला है, उसी तरह कोरोना को भी ससुर का दर्ज़ा मिलना चाहिए! कम्बख्त ने सबके चेहरे ढकवा दिए! |
लड़कों के साथ तो शुरू से ही पक्षपात होता आया है, लक्स, गोदरेज, डव, जैसे साबुनों के इश्तिहार में लड़कियाँ और लाइफ बॉय के इश्तिहार में लड़कों की! |
ससुराल वाले पूरा हाल चाल पूछ लेंगे, घँटों यहाँ-वहाँ की बातें कर लेंगे, मगर ये कभी नहीं पूछेंगे... . . . . . . . बेटा, हमारी बेटी के साथ खुश तो हो ना? |
"आने दो शाम को तेरे पापा को" एक यही खौफ था बच्चों को, लॉकडाउन में ये भी अब खत्म हो गया! |
रौशनी नाम था उसका लेकिन 7-8 लड़कों को अँधेरे में रखा था उसने! |
चित्रकार: ऐसी तस्वीर बनाऊँगा कि आपको ऐसा लगेगा की पत्नी अभी बोल पडे़गी आदमी: तो तू रहने दे भाई! |
उम्मीद है अब तक आप लोगों ने रेमडेसिविर बोलना सीख लिया होगा! आइये अब बोलिये, टोसिलिजुमैब! |
पति-पत्नी की नोंक-झोंक का विषय भी बदल रहा है! ढंग से पोंछा तो मार नहीं सकते, पता नहीं ऑफिस कैसे सँभालते होंगे? |
पुरुषों का दर्द: ऑक्सीजन का लेवल तो ठीक है लेकिन दिन भर घर पर पड़े रहने के कारन इज़्ज़त का लेवल बहुत गिर गया है! |
आपका व्यवहार ही आपको मर्द बनाता है, बाकी मूछें, वो तो इस लॉकडाउन में सुशीला, बिमला और पिंकी को भी आ गयी हैं! |