Interesting Hindi SMS

  • कोई हालात नहीं समझता,</br>
कोई ज़ज्बात नहीं समझता,</br>
ये तो अपनी-अपनी समझ की बात है जनाब,</br>
कोई कोरा काग़ज़ समझ लेता है,</br>
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!Upload to Facebook
    कोई हालात नहीं समझता,
    कोई ज़ज्बात नहीं समझता,
    ये तो अपनी-अपनी समझ की बात है जनाब,
    कोई कोरा काग़ज़ समझ लेता है,
    तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!
  • किसी से उलझने का मन नहीं करता अब,</br>
आप सही, मैं गलत बस बात खत्म!Upload to Facebook
    किसी से उलझने का मन नहीं करता अब,
    आप सही, मैं गलत बस बात खत्म!
  • जिस कॉपी पर सब विषयों को सँभालने की ज़िम्मेदारी होती है वो अक्सर कॉपी बन जाती है!</br>
परिवार में ज़िम्मेदार इंसान का भी यही हाल होता है!Upload to Facebook
    जिस कॉपी पर सब विषयों को सँभालने की ज़िम्मेदारी होती है वो अक्सर कॉपी बन जाती है!
    परिवार में ज़िम्मेदार इंसान का भी यही हाल होता है!
  • ज़िंदा लाशों से तो अच्छी हैं, वो तैरती लाशें;</br>
जो मरते-मरते सिस्टम को तो नंगा कर गयी!Upload to Facebook
    ज़िंदा लाशों से तो अच्छी हैं, वो तैरती लाशें;
    जो मरते-मरते सिस्टम को तो नंगा कर गयी!
  • सफलता का एक आसान फॉर्मूला है, आप अपना सर्वोत्तम दीजिए और हो सकता है लोगों को वह पसंद आ जाए।
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    सफलता का एक आसान फॉर्मूला है, आप अपना सर्वोत्तम दीजिए और हो सकता है लोगों को वह पसंद आ जाए।
  • कुछ तो ज़मीर बाक़ी है अख़बारों में,</br>
तारीख़ और वार आज  भी  सही बताते हैं!Upload to Facebook
    कुछ तो ज़मीर बाक़ी है अख़बारों में,
    तारीख़ और वार आज भी सही बताते हैं!
  • AC की अपनी जगह है, लेकिन जो बीच-बीच में कूलर पानी की छींटे मुँह पर मारता है!<br/>
उसका आनंद अविस्मरणीय है!Upload to Facebook
    AC की अपनी जगह है, लेकिन जो बीच-बीच में कूलर पानी की छींटे मुँह पर मारता है!
    उसका आनंद अविस्मरणीय है!
  • सारी ज़िन्दगी लगा दी बॉडी बनाने में,</br>
अब पता चला कि एंटी-बॉडी बनानी थी!Upload to Facebook
    सारी ज़िन्दगी लगा दी बॉडी बनाने में,
    अब पता चला कि एंटी-बॉडी बनानी थी!
  • सब्र कर ना तू फ़िक्र कर,</br>
ये वक़्त इबादतों का है बस ज़िक्र कर और शुक्र कर!Upload to Facebook
    सब्र कर ना तू फ़िक्र कर,
    ये वक़्त इबादतों का है बस ज़िक्र कर और शुक्र कर!
  • एक लड़की नये जूते पहन कर मुश्किल से चल रही थी। एक बुढ़िया ने पूछा: छोरी जूते ऑन लाइन खरीद के लाई के?</br>
लड़की भी हरियाणे की थी, और बोली: ना ताई पेड़ से तोड़ के ल्याई सूं!</br>
ताई भी हरियाणवी थी, जवाब दिया: छोरी, तोड़ने मे जल्दी कर दी, पाकण  देती, तो तेरे नाप के हो जाते!Upload to Facebook
    एक लड़की नये जूते पहन कर मुश्किल से चल रही थी। एक बुढ़िया ने पूछा: छोरी जूते ऑन लाइन खरीद के लाई के?
    लड़की भी हरियाणे की थी, और बोली: ना ताई पेड़ से तोड़ के ल्याई सूं!
    ताई भी हरियाणवी थी, जवाब दिया: छोरी, तोड़ने मे जल्दी कर दी, पाकण देती, तो तेरे नाप के हो जाते!
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