एक बार जर्मनी में एक यहूदी कवि गिरफ्तार किये गए! कवि की बेटी ने माँ से पूछा, "पापा को पकड़ कर क्यों ले गए?" माँ बोली, "पापा ने हिटलर के खिलाफ कविता लिखी है!" बच्ची बोली, "वो भी पापा के खिलाफ कविता लिख देते!" माँ ने कहा, "वो लिख पता तो इतना खून-ख़राबा क्यों करता!" |
कोई हालात नहीं समझता, कोई ज़ज्बात नहीं समझता, ये तो अपनी-अपनी समझ की बात है जनाब, कोई कोरा काग़ज़ समझ लेता है, तो कोई पूरी किताब नहीं समझता! |
किसी से उलझने का मन नहीं करता अब, आप सही, मैं गलत बस बात खत्म! |
जिस कॉपी पर सब विषयों को सँभालने की ज़िम्मेदारी होती है वो अक्सर कॉपी बन जाती है! परिवार में ज़िम्मेदार इंसान का भी यही हाल होता है! |
ज़िंदा लाशों से तो अच्छी हैं, वो तैरती लाशें; जो मरते-मरते सिस्टम को तो नंगा कर गयी! |
सफलता का एक आसान फॉर्मूला है, आप अपना सर्वोत्तम दीजिए और हो सकता है लोगों को वह पसंद आ जाए। |
कुछ तो ज़मीर बाक़ी है अख़बारों में, तारीख़ और वार आज भी सही बताते हैं! |
AC की अपनी जगह है, लेकिन जो बीच-बीच में कूलर पानी की छींटे मुँह पर मारता है! उसका आनंद अविस्मरणीय है! |
सारी ज़िन्दगी लगा दी बॉडी बनाने में, अब पता चला कि एंटी-बॉडी बनानी थी! |
सब्र कर ना तू फ़िक्र कर, ये वक़्त इबादतों का है बस ज़िक्र कर और शुक्र कर! |