सूरज की पहली किरण आपको हँसी दे, उड़ते पंछी आपको मधुर वाणी दे, ताज़ी हवा की ख़ुशबू आपको शांति दे, इसी तरह आपका दिन मंगलमय रहे। सुप्रभात! |
हो मुबारक सुहानी रात, ख्वाबों में भी मिले रब का साथ; खुलें जब पलकें तो तमाम खुशियाँ हो आपके साथ। शुभरात्रि! |
कलियाँ खिल उठी एक प्यारे से एहसास के साथ, एक नया विश्वास दिन की शुरुआत एक मीठी सी मुस्कान के साथ, आपको बोलना है मंगलमय हो आपका हर दिन, मंगल हो ये सुप्रभात। सुप्रभात! |
पलकों में ख्वाबों की पालकी ले आई नींद सुहानी, सो जाओ अब मिलते हैं कल ले कर नई कहानी। शुभ रात्रि! |
यदि हम उंचा उठना चाहते है तो, अपने अंदर के अहंकार को निकालकर, स्वयं को हल्का करना पडेगा... क्योंकि ऊँचा वही उठता है जो हल्का होता है। सुप्रभात! |
ना किसी के आभाव में जियो, ना किसी के प्रभाव में जियो; ज़िन्दगी आपकी है बस अपने मस्त स्वभाव में जियो। सुप्रभात! |
'श्रद्धा' ज्ञान देती है, 'नम्रता' मान देती है, और 'योग्यता' स्थान देती है। और तीनों मिल जाएं तो व्यक्ति को हर जगह 'सम्मान' देती हैं। सुप्रभात! |
पग-पग सुनहरे फूल खिलें, कभी ना हो काँटों का सामना; ज़िन्दगी आप की खुशियों से भरी रहे, बस यही है हमारी मोनकामना। सुप्रभात! |
काली अँधेरी रात के बाद सुबह है आई; उठकर देखो सुबह का नज़ारा, सूर्य की रौशनी से सारी दुनिया है जगमगाई; क्या हुआ अगर कल गम में बीता, आज की सुबह नयी उमीदें है ले कर आई। सुप्रभात! |
ज़िंदगी की हर सुबह कुछ शर्तें लेकर आती है और ज़िंदगी की हर शाम कुछ तज़ुर्बे देकर जाती है। सुप्रभात! |