योग्यता से बिताए हुए जीवन को, हमें वर्षों से नहीं बल्कि कर्मों के पैमाने से तौलना चाहिए। |
योग्यता से बिताए हुए जीवन को, हमें वर्षों से नहीं बल्कि कर्मों के पैमाने से तौलना चाहिए। |
योग्यता से बिताए हुए जीवन को, हमें वर्षों से नहीं बल्कि कर्मों के पैमाने के साथ तोलना चाहिए। |
योग्यता से बिताए हुए जीवन को, हमें वर्षों से नहीं बल्कि कर्मों के पैमाने से तौलना चाहिए। |