एक बार आप उम्मीद का चुनाव कर लें, फिर कुछ भी संभव है| |
एक बार आप उम्मीद का चुनाव कर लें, फिर कुछ भी संभव है| |
एक बार आप जब आशा का दामन थाम लेते हैं, तो सब कुछ संभव हो जाता है। |
एक बार जब आप आशा का दामन थाम लेते हैं, तो सब कुछ संभव हो जाता है। |
हमारे कई सपने शुरू में असंभव लगते हैं, फिर असंभाव्य और फिर जब हमें संकल्पशक्ति आती है तो ये सपने अवश्यंभावी हो जाते हैं। |