मनुष्य के अस्तित्व की समस्या के लिए प्रेम ही एकमात्र संतोषजनक जवाब है। |
मनुष्य के अस्तित्व की समस्या के लिए प्रेम ही एकमात्र संतोषजनक जवाब है। |
मनुष्य के अस्तित्व की समस्या के लिए प्रेम ही एकमात्र संतोषजनक जवाब है। |
अपरिपक्व प्यार कहता है, मैं तुमसे प्यार करता हूँ क्योंकि मुझे तुम्हारी जरूरत है। लेकिन परपिक्व प्यार कहता है कि मुझे तुम्हारी जरूरत है क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ। |
जीवन में मानव का मुख्य कार्य स्वयं का सृजन करना है, वह बनना जिसकी उसमें संभाव्यता है। उसके प्रयास का सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद उसका स्वयं का व्यक्तित्व होता है। |
मनुष्य के अस्तित्व की समस्या के लिए प्रेम ही एकमात्र संतोषजनक जवाब है। |
अतीत का खतरा था कि आदमी गुलाम बन गया था। भविष्य का खतरा है कि आदमी रोबोट बन सकता है। |
अपरिपक्व प्रेम कहता है, मैं तुमसे प्रेम करता हूँ क्योंकि मुझे तुम्हारी जरूरत है। लेकिन परपिक्व प्रेम कहता है कि मुझे तुम्हारी जरूरत है क्योंकि मैं तुमसे प्रेम करता हूँ। |