कभी-कभी नई आवाज शानदार दृष्टि रखती है, यह बेहद सुव्यवस्थित और जैविक है। |
मैंने अपने पूरे जीवन में, अपने कार्यों से ज्यादा अपने रिश्तों को अहमियत दी है। |
काम ही मेरे लिए शादी हैं और काम ही मेरे रिश्ते है। |
धारा 377 सिर्फ मानवाधिकारों का एक उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के लोकतंत्र को मृगतृष्णा की तरह बनाता है। |