जीतने पर गर्व ना करें! ना ही हारने पर दुःख! |
प्रत्येक जीव स्वतंत्र है। कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता। |
सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है। |
आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है। |
खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है। |
केवल सत्य ही इस दुनिया का सार है! |
प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है! आनंद बाहर से नहीं आता! |
आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है| |
आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है| असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच,आसक्ति और नफरत| |
भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है . हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है! |