दाग़ तो दो ही चीज़ों पर सजता है, दिल और जवानी। |
हमारे मुल्क की अफ़वाहों की सब से बड़ी खराबी ये है कि वो सच निकलती हैं। |
फूल जो कुछ ज़मीं से लेते हैं, उससे कहीं ज़्यादा लौटा देते हैं। |
हुकूमतों के अलावा कोई भी अपनी मौजूदा तरक्की से खुश नहीं होता। |
सिर्फ 99 प्रतिशत पुलिस वालों की वजह से बाकी 1 प्रतिशत भी बदनाम हैं। |
हमारे ज़माने में तरबूज़ इस तरह खरीदा जाता था जैसे आज कल शादी होती है- सिर्फ सूरत देखकर। |
मेरा ताल्लुक उस भोली भाली नस्ल से है जो ये समझती है कि बच्चे बुज़ुर्गों की दुआओं से पैदा होते हैं। |
कुछ लोग इतने मज़हबी होते है कि जूता पसंद करने के लिए भी मस्ज़िद का रुख़ करते हैं। |
दुनिया में ग़ालिब वो अकेला शायर है जो समझ में ना आये तो दुगना मज़ा देता है। |
वो ज़हर दे के मारती तो दुनिया की नज़र में आ जाती, अंदाज़-ए-क़त्ल तो देखो - हमसे शादी कर ली। |